आपने अक्सर सुना होगा कि म्यूच्यूअल फंड सही है तो मन में सवाल उठता है क्या कि म्यूचुअल फंड होता क्या है? और म्यूचुअल फंड में निवेश करना कितना सुरक्षित होता है? इसमें निवेश करने के क्या फायदे हैं और क्या नुकसान है?

आज के समय में निवेशकों के पास शेयर बाजार में निवेश करने के बहुत से तरीके हैं. म्यूच्यूअल फंड भी निवेशकों को बाजार में निवेश करने का एक मौका देता है. अगर निवेशक म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि के लिए निवेश करें, तो एक अच्छा खासा रिटर्न म्यूच्यूअल फंड  के द्वारा बनाया जा सकता है. तो चलिए बात करते हैं कि म्यूच्यूअल फंड क्या होता है?

म्यूच्यूअल फंड का इतिहास

भारत का पहला म्यूच्यूअल फंड 1963 में UTI (यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया) के द्वारा लाया गया था. उदारीकरण के दौर में सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और संस्थानों को म्यूचल फंड लाने की अनुमति दी. 1992 में SEBI ने एक विधेयक पास किया जिसके तहत बाजार में निवेशकों के पैसे की सुरक्षा प्रदान की जाए तथा सिक्योरिटी बाजार को नियंत्रित किया जाए. जहां तक म्यूच्यूअल फंड का संबंध है सेबी ने 1995 में म्यूचुअल फंड को लेकर नियमन एवं अधिसूचना जारी की. इसके बाद से ही निजी क्षेत्र की कंपनियों को म्यूचुअल फंड में निवेश प्रवेश करने की इजाजत दी गई. SEBI समय-समय पर निवेशकों के पैसे को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग नियम बनाती है.

क्या होता है म्यूच्यूअल फंड

म्यूचुअल फंड को हिंदी में पारस्परिक निधि कहते हैं.यह एक प्रकार का सामुहिक निवेश होता है.म्यूचुअल फंड के जरिये ना सिर्फ शेयर बाजारे में, बल्कि डेट, गोल्ड और कमोडिटी में भी अपना पैसा निवेश कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश की कई विकल्प बाजार में मौजूद हैं. म्यूचुअल फंड मे एक फंड मैनेजर होता है जो फंड को मैनेज करता है नफा नुकसान का हिसाब रखता है और फंड से हुए प्रॉफिट या लॉस को निवेशकों में बांट दिया जाता है

म्यूच्यूअल फंड छोटे छोटे निवेशकों से एक निवेश राशि लेकर इकट्ठा करते हैं और उस राशि को शेयर बाजार में निवेश किया जाता है, इसके बदले कंपनी कुछ सर्विस चार्ज लेती है. म्यूच्यूअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि निवेशकों को इस बात की चिंता नहीं होती कि वह कौन से शेयर खरीदे या बेचे. क्योंकि म्यूच्यूअल फंड का एक Fund मैनेजर होता है. जिसका काम होता है कि वह अच्छे शेयरों को अपने पोर्टफोलियो में लेकर एक अच्छा फंड बनाएं और अपने निवेशकों को फायदा दे.

म्यूचुअल फंड में छोटे-बड़े निवेशकों से पैसा इकट्ठा किया जाता है और इस पैसे को शेयरों और बॉन्ड मार्केट में निवेश किया जाता है. निवेशक को उसके पैसे के लिए यूनिट आवंटित कर दिए जाते हैं. अब इन यूनिट के अनुपात में शेयर या बॉन्ड खरीदने-बेचने पर होने वाले मुनाफे को म्यूचुअल फंड हाउसेज फंड (यूनिट) धारकों में बांट देते हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप इसमें महज 500 रुपये महीना  निवेश से शुरुआत कर सकते हैं. मासिक निवेश के लिए SIP प्लान लेना होता है. इसमें एक तय राशि हर महीने आपके बैंक खाते से सीधे फंड में ट्रांसफर होती रहती है.

म्यूचुअल फंड के प्रकार (Types of Mutual Funds)

इक्विटी फंड (Equity Funds)

म्यूचुअल फंड में सबसे पॉपुलर फंड, इक्विटी फंड होता है. इक्विटी फंड में अधिकतर लोग ज्यादा रिटर्न के लिए निवेश करते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड में फंड मैनेजर अपना सारा निवेश स्टॉक मार्केट में करते हैं.

इक्विटी फंड को चार भागों में बांटा जा सकता है

  • लार्ज कैप फंड्स (Large Cap Funds)
  • मिड कैप फंड्स (Mid Cap Funds)
  • स्मॉल कैप फंड्स (Small Cap Funds)
  • मल्टी कैप फंड्स (Multi Cap Funds)

डेट फंड (Debts Funds)

डेट फंड एक ऐसा फंड होता है, जहां पर एक निश्चित Return मिलता है. डेट फंड में कमर्शियल पेपर, ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड्स और अन्य मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट में निवेश किया जाता है.

गिल्ट फंड (Gilt Fund)

गिल्ट फंड अपना पैसा सिर्फ गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में ही निवेश करते हैं. सरकार को पैसा देने की वजह से इस प्रकार के डेब्ट फंड में रिस्क ना के बराबर होती है.

लिक्विड फंड्स (Liquid Funds)

लिक्विड फंड वे म्यूचुअल फंड होते हैं, जो किसी भी समय Redeem करवाए जा सकते हैं. रिडेम्पशन का आवेदन करने के 24 घंटे के भीतर पैसा आपके बैंक अकाउंट में आ जाता है.

म्यूच्यूअल फंड से करोड़ों का रिटर्न बनाया जा सकता है?

जी हां,अगर कोई व्यक्ति म्युचुअल फंड में रोजाना ₹100 यानी कि ₹3000 महीने का निवेश करें तो वह व्यक्ति करोड़पति बन सकता है. उसके लिए उसे इस निवेश को लगातार 30 साल तक करना होगा और अगर उसे औसत 12 परसेंट का रिटर्न मिलता है, तो ऐसे में ₹3000 का मासिक निवेश ₹10000000 बन जाएगा.

सेबी (SEBI) की भूमिका

म्यूचुअल फंड के रेगुलेशन का काम भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) करती है। ऐसे में सेबी (SEBI) की ओर से बनाई गई गाइडलाइन का म्यूचुअल फंड कंपनियां को पालन करना होता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि निवेशकों को अनुचित और गलत तरीके से मिस गाइड नहीं किया जाए। ऐसे में यह गाइडलाइन निवेशक और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) कंपनियों दोनों के पक्ष में काम करती हैं। म्युचुअल फंड (Mutual Fund) के बारे में और जानकारी के लिए एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड इन इंडिया (amfi) की बेवसाइट पर जाकर ली जा सकती है।

https://www.amfiindia.com/

म्यूचुअल फंड में इस्तेमाल होने वाली शब्दावली

  • Fund Manager
  • Asset Management Company (AMC)
  • Asset under management (AUM)
  • SIP
  • New Fund Offer (NFO)
  • NAV

Mutual Fund Disclaimer

म्यूचुअल फंड इनवेस्टमेंट बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं। निवेश करने से पहले कृपया स्कीम की जानकारी और दूसरे ऑफर डॉक्युमेंट्स ध्यान से पढ़ें। पिछला प्रदर्शन फ्यूचर रिटर्न की गारंटी नहीं होता।

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