शेयर बाजार में बहुत से लोग ट्रेडिंग करते हैं लेकिन बहुत कम ही लोग जानते हैं कि शेयर्स खरीदने के बाद जब आप उस शेयर को बेचते हैं, तो आपको उस मुनाफे पर टैक्स देना होता है यह टैक्स अलग अलग तरीके के हो सकते हैं आज हम शेयर बाजार में लगने वाले सभी प्रकार के टैक्स के बारे में बात करेंगे.
शेयर बाजार में आप Equity, ETF, Mutual Fund, F&O आदि में निवेश या ट्रेड कर सकते हैं लेकिन उससे होने वाली कमाई पर आपको टैक्स भी देना पड़ता है.
शेयर बाजार में आप दो तरीके से पैसे कमा सकते हैं-
1. इन्वेस्टमेंट (Delivery)
2. ट्रेडिंग (Intraday, F&O)
शेयरों की बिक्री से होने वाली इनकम या लॉस ‘कैपिटल गेन्स’के दायरे में आता है. शेयर बाजार से होने वाली कमाई दो तरह से हो सकती है
- शॉर्ट टर्म कैनिटल गेन्स
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स
Short Term Capital Gains
जब शेयर बाजार में लिस्टेड शेयरों को खरीद कर 12 महीनों के अंदर बेच दिया जाता है तो उस इनकम को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन कहा जाता है. इस पर होने वाली कमाई पर 15 फ़ीसदी की दर से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स देना होता है. चाहे आप किसी भी टैक्स स्लैब में आते हो अगर आपको शॉर्ट टर्म कैपिटल लॉस होता है तो आप उसे अगले 8 साल तक कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं.
Long Term Capital Gains
जब शेयर बाजार में लिस्टेड शेयरों को खरीद कर 12 महीनों के बाद बेचा जाता है, तो उस पर मिलने वाले मुनाफे को लोंग टर्म कैपिटल गैन के दायरे में रखा जाता है. आपको शेयरों की बिक्री पर भी टैक्स देना पड़ता है, इसमें 10 फ़ीसदी की दर से इनकम टैक्स देना पड़ता है. लेकिन अगर आपका साल का मुनाफा ₹100000 से कम है तो आपका टैक्स Exempted हो जाता है और ₹100000 से अधिक मुनाफे पर आपको 10 फ़ीसदी का टैक्स चुकाना पड़ता है चाहे आप किसी भी टैक्स स्लैब में हो अगर आपको कोई नुकसान होता है तो आप उस नुकसान को अगले 8 साल तक फॉरवर्ड कर सकते हैं.
F&O की कमाई पर कैसे लगता है टैक्स
अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो आपको इंट्राडे की तरह ही टैक्स चुकाना पड़ेगा. फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको जो भी मुनाफा होगा वह आपकी बिजनेस इनकम की तरह ही समझा जाएगा और इस पर होने वाली कमाई पर आपको आपके टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. फ्यूचर एंड ऑप्शन के तहत आप किसी भी एक्सपायरी डेट के लिए सौदा करते हैं जिसमें आपको मुनाफा या नुकसान होता है और एक्सपायरी डेट तक आपको वह सौदा खत्म करना पड़ता है.
अगर आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा. यानी अगर आपकी साल की कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से कम है तो आप को कोई टैक्स नहीं लगेगा, लेकिन इससे ऊपर की कमाई पर आपको स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ेगा.
Dividend से होने वाली कमाई पर टैक्स
अगर आप डिविडेंड से कमाई करते हैं तो आपको उसके टैक्स के नियम समझ लेना चाहिए. डिविडेंड पर पहले टैक्स का नियम अलग था. जहां पहले डिविडेंड डिसटीब्यूशन टैक्स लगता था इसे बाद में खत्म कर दिया गया. अब डिविडेंड से होने वाली इनकम पर टीडीएस (TDS) लगता है. फाइनेंस एक्ट 2020 में बदलाव कर नया नियम बनाया गया जिसके अनुसार डिविडेंड पर होने वाली कमाई पर निवेशकों को टैक्स चुकाना होगा. इसके अनुसार 1 अप्रैल 2020 या उसके बाद कंपनियां या म्यूचुअल फंड से मिले डिविडेंड पर टीडीएस (TDS) देना होगा. यदि किसी कंपनी या म्युचुअल फंड से आपको ₹5000 से अधिक डिविडेंड इनकम मिलती है तो उस पर 10% की दर से टीडीएस (TDS) लगेगा.