आज इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं फाइनेंशियल प्लानिंग के बारे में, प्रत्येक व्यक्ति के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करना बहुत जरूरी होता है. जिससे वह भविष्य में अपने लक्ष्यों को सही तरीके से प्राप्त कर सके.
दुनिया में किसी भी काम को करने से पहले प्लानिंग की जरूरत होती है, क्योंकि बिना प्लानिंग के कोई भी काम करना असंभव होता है.
उदाहरण के लिए अगर आपको कोई घर बनाना है तो सबसे पहले आपको उसका नक्शा बनाना होगा ताकि आप सही तरीके से घर के सभी हिस्सों को आसानी से बना सकें.
जब हम फाइनेंशियल प्लानिंग की बात करते हैं तो
फाइनेंस का मतलब होता है Money
फाइनेंशियल प्लानिंग का मतलब होता है पैसों की जरूरत को पूरा करने का प्लान
फाइनेंशियल प्लैनिंग का मतलब
प्रत्येक व्यक्ति को जीवन में हर समय पैसों की जरूरत पड़ती है. चाहे उसे घर खरीदना हो, गाड़ी खरीदना हो, बच्चों की पढ़ाई हो, रिटायरमेंट हो, जिसके लिए आपको एक बड़ी मात्रा में पैसों की आवश्यकता होती है. लेकिन एक बार में बहुत सारा धन इकट्ठा करना आसान नहीं होता लेकिन अगर आप हर चीजों के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग करके चले, तो समय रहते आप उन जरूरतों को आसानी से पूरा कर सकते हैं.
दोस्तों अगर आपको भी भविष्य में अपने बड़े लक्ष्यों की प्राप्ति करनी है, तो आपको अभी से फाइनेंशियल प्लानिंग करना जरूरी है. अगर आपकी उम्र 30 वर्ष है और आप अपनी रिटायरमेंट प्लान करना चाहते हैं, तो आपको आज ही से कुछ पैसे हर महीने निवेश करना चालू कर देना चाहिए.
साथ ही साथ अगर आप भविष्य में अपने बच्चों की पढ़ाई, उनकी शादी या फिर विदेश यात्रा के लिए पैसे जमा करना चाहते हैं तो भी आपको फाइनेंशियल प्लानिंग करना बहुत जरूरी होगा. क्योंकि महंगाई एक ऐसी समस्या है जो हर साल बढ़ती रहती है, जिसके कारण अगर आपने सही तरीके से अपने फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं की तो भविष्य में आपको अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जितने पैसो की आवश्यकता होगी, उतने पैसे आपके पास नहीं होंगे और आपको मुसीबत का सामना करना पड़ेगा.
इसलिए समय रहते आपको अपने वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कर लेनी चाहिए, ताकि भविष्य में बिना किसी कठिनाई के आप उन लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सके.
आर्थिक लक्ष्य क्या होते हैं? आर्थिक लक्ष्यों के प्रकार-
प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में कोई न कोई आर्थिक लक्ष्य जरूर होते हैं. किसी के बड़े लक्ष्य होते हैं तो किसी के छोटे होते हैं. लेकिन उन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग बहुत जरूरी होती है. ऐसे में सवाल उठता है कि फाइनेंशियल गोल किस तरीके से बनाया जाए ताकि आप भविष्य में आने वाले कठिनाइयों का आसानी से सामना कर सके.
इस पोस्ट में हम बात करने की कोशिश करेंगे फाइनेंसियल गोल किस तरीके के होते हैं. चलिए बात करते हैं फाइनेंशियल गोल्स की, आर्थिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए हम अपने लक्ष्यों को 4 भागों में विभाजित कर सकते हैं.
- Ultra Short-term goal (6 month-1 year)
- Short term goal (1-5 years)
- Mid-term goal (5-10 years)
- Long-term goal (10-20 years)
- Very Long-term goal (20+ years)
इन पांचों फाइनेंशियल गोल्स को आसानी से समझते हैं.
- Ultra Short-term goal (6 month-1 year)
ऐसे लक्ष्य जिन लक्ष्यों की प्राप्ति हमें साल भर से कम के समय में पूरी करनी होती है उसे हम अति अल्पकालीन वित्तीय लक्ष्य (Ultra Short-term goal) कहते हैं.
अति अल्पकालीन वित्तीय लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आपके पास कम से कम 3 से 6 महीने का इमरजेंसी Fund होना चाहिए. जिससे आने वाली कुछ महीनों की जरूरतों को जैसे घर खर्च आदि को पूरा किया जा सके.
इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आपको अपने आमदनी से एक निश्चित रकम हर महीने बचत करनी चाहिए और अपने फिजूल खर्चो पर भी लगाम लगानी चाहिए ताकि आप आने वाले कुछ महीनों में उन लक्ष्यों को आसानी से प्राप्त कर सके.
जैसे- साल में कहीं छुट्टी पर जाना, कोई ज्वेलरी खरीदना, कोई घर का नया सामान खरीदना, किसी की उधारी चुकाना आदि हो सकते हैं.
- Short term goal (1-5 years)
ऐसे लक्ष्य जिन्हें आपको 1 से 5 सालों के भीतर पूर्ण करना हो तो ऐसे लक्ष्यों को अल्पकालीन वित्तीय लक्ष्य (Short term goal) कहा जाता है.
उदाहरण- आपको किसी पर्सनल लोन या बैंक लोन के कर्ज से मुक्त हो ना हो
आपको आने वाले 2 सालों में कोई कार खरीदनी हो
घर की रिपेयरिंग करवानी हो
कोई विदेश यात्रा पर जाना हो
इसके लिए आपको एक निश्चित धन की आवश्यकता होती है, इन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आप अपने आमदनी से कुछ पैसे बैंक FD, RD, गोल्ड या फिर म्युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
- Mid-term goal (5-10 years)
ऐसे लक्ष्य जो आप अगले 5 से 10 साल के बीच में पूरा करना चाहते हो तो उसे Mid-term goal कहते हैं.
जैसे कि आप कोई घर लेना चाहते हो, अपने बच्चों की पढ़ाई और कॉलेज की पढ़ाई के लिए पैसे जमा करना चाहते हो या अपना कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हो.
तो ऐसे सारे प्लानिंग को पूरी करने के लिए आपको एक निश्चित रकम हर महीने बैंक एफडी या फिर म्यूच्यूअल फंड में निवेश करनी चाहिए.
अगर आप थोड़ी अधिक रिस्क ले सकते हैं तो आप सीधे शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं.
- Long-term goal (10-20 years)
ऐसे लक्ष्य जिसे आप अगले 10 से 20 साल में प्राप्त करना चाहते हैं जिसके लिए आपके पास एक पर्याप्त समय होता है तो उसे हम Long-term goal कहते हैं.
यहां पर हम बात करते हैं बच्चों की उच्च शिक्षा, बच्चों की शादी, अपना स्वयं का घर, अपना स्वयं का कोई व्यापार शुरू करना आदि
Long-term goal की बात करें तो हमें वहां पर एक बड़े रकम की आवश्यकता होती है. जिसके लिए आप हर महीने एक निश्चित रकम SIP के रूप में म्यूच्यूअल फंड या फिर सीधे शेयर बाजार में शेयर खरीद कर कर सकते हैं. जिससे लंबे समय में आपको एक अच्छा रिटर्न प्राप्त होता है.
- Very Long-term goal (20+ years)
Very Long-term goal कि अगर हम बात करते हैं तो यहां पर हम बड़े लंबे समय के निवेश की बात करते हैं जो कि 10 साल या फिर उससे और अधिक समय के लिए हो सकता है.
Very Long-term goal में मुख्यतः अपनी रिटायरमेंट प्लैनिंग सबसे महत्वपूर्ण कार्य होता है. जहां पर हर व्यक्ति यह चाहता है कि उसके रिटायरमेंट के समय उसके हाथ में एक ठीक-ठाक रकम हो, जिससे वह अपना बचा हुआ जीवन आसानी से काट सके.
जिसके लिए आप हर महीने NPS (National Pension Scheme) या PPF (Personal Provident Fund) में निवेश कर सकते हैं. साथ ही साथ अपनी आय का कुछ हिस्सा म्यूच्यूअल फंड और शेयर बाजार में भी लगा सकते हैं जिससे आप के रिटायरमेंट के समय तक आपके पास एक पर्याप्त रकम उपस्थित होगी.