शेयर बाजार एक ऐसी जगह है जहां पर रोजाना Shares की खरीदारी और बिकवाली का कारोबार होता है, और शेयर के भाव ऊपर नीचे होते हैं। शेयर बाजार में हर इंसान मुनाफा कमाने की उम्मीद में आता है, और जरूरी नहीं है आपने जो भी शेयर खरीदा हो वह हमेशा ऊपर ही जाए वह नीचे भी आ सकता है। इस परिस्थिति में आप को नुकसान उठाना पड़ता है तो उस नुकसान से बचने के लिए हम शेयर बाजार में जिस Tool का Use करते हैं उसे स्टॉपलॉस कहते हैं।
अब आसान भाषा में समझते हैं Stoploss वह मूल्य होता है जो शेयर बाजार में किसी भी Trader or Investor को अधिक नुकसान होने से बचाता है, और उसके जोखिम को कम करने में मदद करता है। अगर आप बाजार में Short-term के लिए Trade करते हैं, तो Stoploss आपके लिए एक महत्वपूर्ण हथियार के रूप में काम करता है। क्योंकि वहां पर आपके नुकसान की जो संभावना होती है वह कम हो जाती है।
Example- मान लीजिए आपने XYZ Share ₹1000 के भाव पर खरीदे और आप चाहते हैं उसका भाव ₹1050 हो जाए। तो आप शेयर बेचकर मुनाफा वसूल करेंगे, लेकिन उसके विपरीत मान लीजिए अगर वह शेयर का भाव ₹980 आ जाता है। तब उस परिस्थिति में आपको नुकसान हो जाता है, अब वह शेयर और नीचे भी जा सकता है, तो आप वहां पर ₹970 का स्टॉपलॉस लगा देते हैं। अगर वह शेयर का भाव ₹970 के नीचे चला जाता है, तो आपका नुकसान ₹970 पर रुक जाएगा और उसके बाद उस शेयर में आने वाली जो भी गिरावट होगी आप उससे बच जाते हैं। आपको थोड़ा नुकसान उठाना पड़ता है, लेकिन स्टॉपलॉस के कारण आप बड़े नुकसान से बच जाते हैं।
Stop loss Trigger Price In Hindi
अगर आप सही Price पर Stoploss लगाते हैं तो आप अपने नुकसान को सीमित कर सकते हैं। Stoploss लगाने से पहले आपको एक चीज का हमेशा ध्यान रखना होगा, कि अगर आपने Long position बना रखी है तो आपको Sell Stoploss हमेशा Current market price के नीचे लगाना होगा। इसके विपरीत अगर आपने Short position बना कर रखी है तो आपको Buy Stoploss हमेशा Current market price के ऊपर लगाना होगा।
अब बात करते हैं Stoploss Trigger Price की, यह वह Price होता है जिस Price पर आर्डर एक्सचेंज में ट्रांसफर हो जाता है और फिर Stoploss Hit होते ही आपका Order Execute हो जाता है। आपके Buying- Selling Position दोनों ही के लिए Stoploss Trigger Price की Value अलग-अलग होती है।
अगर आपने Buying position बना कर रखी है तो आपको Selling का Stoploss लगाना पड़ेगा, जहां पर Trigger Price की वैल्यू Stoploss की वैल्यू से ज्यादा होगी। ठीक उसी तरह अगर आपने Short या Selling की Position बना रखी है, उस समय आपको Buying का Stoploss लगाना होगा जहां पर Trigger Price आपके Stoploss प्राइस से कम रखना होगा।
स्टॉप लॉस कैसे लगाएं?
अगर आप शेयर बाजार में नए हैं। Trading की शुरुआत करना चाहते हैं और आपके पास मार्केट का ज्यादा अनुभव नहीं है। इन परिस्थितियों में आपको शेयर बाजार में नुकसान उठाना पड़ सकता है। उस नुकसान से बचने के लिए आपको अपने शेयरों में Stoploss लगाने की सलाह दी जाती है। Stoploss एक ट्रेडर के लिए सहारे का काम करता है। जहां पर वह अपने Loss को तय करके अपने प्रॉफिट को बुक कर सकता है।
- शेयर बाजार में हमेशा ही अनिश्चितता बनी रहती है इन कारणों से शेयर के भाव ऊपर और नीचे होते हैं। जिसे हम Charts के माध्यम से समझ सकते हैं। हर Chart में एक Support और Resistance का Level बनता है। और आपको इन्हीं Level के आसपास Stoploss लगाने की सलाह दी जाती है। अगर आपने कोई शेयर खरीदा है तो आपको पहले उसका सपोर्ट Level पहचानना होता है, और उस सपोर्ट लेवल के थोड़ा नीचे स्टॉपलॉस लगा सकते हैं।
Example- अगर आपने ₹100 में कोई Stock खरीदा हुआ है और उसका Support Level ₹95 के आसपास है तो आप ₹93 या ₹94 के बीच Stoploss लगा सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको Chart की पूरी समझ होनी चाहिए।
स्टॉप लॉस के फायदे
- आप बड़े नुकसान से बच जाते हैं।
- आपको अपना नुकसान पता होता है इस कारण आप बिना डरे अपनी पोजीशन को Hold कर सकते हैं।
- स्टॉप लॉस मार्केट में आपके लिए एक इंश्योरेंस की तरह काम करता है।
स्टॉप लॉस के नुकसान
क्योंकि Stock Market में अस्थिरता हमेशा बनी रहती है। कई बार देखा जाता है कि आपने कोई स्टॉक खरीदा तो वह Stock आपके Target में पहुंचने से पहले Stoploss को हिट कर लेता है। और आपकी पोजीशन खत्म हो जाती है उसके बाद स्टॉक ऊपर चला जाता है। और आप का टारगेट भी आ जाता है पर आपको इसमें कोई रिटर्न नहीं मिलता।
मान लीजिए आपने ₹100 में कोई शेयर खरीदा, ₹110 का Target लगाया और ₹95 का स्टॉपलॉस लगाया। फिर अगर वह स्टॉक ₹95 का Stoploss Hit कर ले, और उसके बाद उस Share का भाव घूम जाए और कुछ ही समय बाद वह ₹110 पर आ जाए। इससे आपके सही निर्णय लेने के बावजूद भी आप को नुकसान होता है।
तो Stoploss लगाने का कोई स्थाई नियम नहीं है अलग-अलग ट्रेडर अपने अपने हिसाब से Stoploss का आकलन करके अपने अनुसार लगा सकते हैं।
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